Khoonti Par Tangi Samvednayein
“खूँटी पर टंगी संवेदना” एक दस्तावेज़ है — उस यात्रा का, जहाँ कविता एक हथियार बन जाती है, और लेखन एक आंदोलन।
Original price was: ₹260.00.₹210.00Current price is: ₹210.00.
Buy Now <span class="ts-tooltip button-tooltip">Compare</span>Description
सीमा मधुरिमा जी लिखित यह पुस्तक केवल कविताओं का संकलन नहीं है – यह हमारे समय की एक मार्मिक दास्तान है, जो उस संवेदना को पुकारती है जिसे हमने जाने-अनजाने अपनी ही घर की खूँटी पर टाँग दिया है।
“खूँटी पर टंगी संवेदना” एक प्रतीक है – उस खोई हुई मानवता का, उस चुप्पी की जो शोर में दब गई, उस स्त्री की जो रिश्तों, परंपराओं, जिम्मेदारियों और समाज की अपेक्षाओं के बोझ तले थक चुकी है – फिर भी चल रही है।
सीमा मधुरिमा जी की कविताएँ केवल शब्द नहीं हैं, वे अनुभव हैं – जिए गए, झेले गए, सहन किए गए और अंततः कहे गए अनुभव।
“सुनो स्त्रियों” से लेकर “लड़कियाँ दौड़ती हैं”, “एक निसंतान स्त्री की पीड़ा”, “सुनो हे तुम…” जैसी कविताएँ इस बात का प्रमाण हैं कि यह संग्रह स्त्री के भीतर के मौन को आवाज़ देता है, उसकी थकी हुई साँसों को एक नई चेतना देता है।
कहीं यह संग्रह अपने पिता की पीड़ा में टूटती बेटी की आँखों से बहता है, तो कहीं एक स्त्री की रसोई से निकलती मसालों की खुशबू में खिलखिलाता है।
यह संग्रह उस समाज को भी आईना दिखाता है जो एक तरफ बलात्कार की उपज बच्चों से भरी दुनिया में जी रहा है, और दूसरी ओर माँ न बन सकने वाली स्त्री को संदेह की दृष्टि से देखता है।
“खूँटी पर टंगी संवेदना” दरअसल उस समाज का शोकगीत है, जिसने सहानुभूति को उत्सवों, पोस्टरों, और हैशटैग्स तक सीमित कर दिया है – लेकिन जब सड़कों पर कोई स्त्री तड़प रही होती है, तब उसकी ओर देखने से भी कतराता है।
यह पुस्तक एक विनम्र किंतु दृढ़ प्रतिरोध है – उस सोच के खिलाफ जो स्त्री को केवल कर्तव्य निभाने वाली, देह ढोने वाली या बच्चों की मशीन समझती है।
यह संग्रह एक आवाज़ है — उन तमाम स्त्रियों की जो अब चुप नहीं हैं। वे थकी हैं, लेकिन टूटी नहीं हैं। वे अब भाग रही हैं, लेकिन अपने लिए।
वे अब सिर्फ जिम्मेदारियाँ नहीं उठा रहीं, वे अब खुद को भी उठा रही हैं — अपने आत्मसम्मान, अपनी पसंद, अपने समय, अपने सपनों के साथ।
Additional information
| Book Types | |
|---|---|
| Publisher | |
| Edition | |
| Author | Seema Madhurima |
| Page | 143 |
| ISBN | 978-93-92607-51-6 |
Custom tab
Your custom content goes here. You can add the content for individual product







